Sunday, November 16, 2008

justaju jiski thee - gazal

कि बिछडे हैं तो अब, किस से मिलाती है हमें
जिंदगी देख ये क्या रंग दिखाती है हमें ...
... गर्दिश-ए-वक्त को कितना बड़ा एहसाँ है कि आज
ये जमीं चाँद से बेहतर नजर आती है हमें

...

जुस्तजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने |
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने ||

तुझ को रुसवा ना किया, ख़ुद भी पशेमाँ ना हुए |
इश्क की रस्म को, इस तरह निभाया हम ने ||

कब मिली थी, कहाँ बिछडी थी, हमें याद नहीं |
जिंदगी तुझ को तो बस ख्वाब मे देखा हम ने ||

ऐ अदा और सुनाये भी तो क्या हाल अपना |
उम्र का लंबा सफर, तय किया तनहा हम ने ||

जुस्तजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने |
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने ||

शायर: शहरयार
गायिका: आशा भोसले
संगीतकार: खय्याम
चित्रपट: उमराव जान (१९८९)

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