Sunday, April 26, 2009

mujhse biChad ke - Jagjit Singh


मुझ से बिछड के खुश रहते हो
मेरी तरह तुम भी झूठे हो

इक टहनी पे चाँद टिका था
मैं यह समझा तुम बैठे हो

उजले उजले फूल खिले थे
बिल्कुल जैसे तुम हसते हो

तुम तनहा दुनिया से लडोगे
बच्चों सी बातें करते हो

मुझ से बिछड के खुश रहते हो ...

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स्वर: जगजीत सिंह (सहेर)

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saher

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