ये दिल ये पागल दिल मेरा
क्यों बूझ गया? आवारगी ...
इस दश्त में इक शहर था
वो क्या हुआ? आवारगी ... ||१||
कल शब मुझे बेशक्ल की
आवाज ने चौंका दिया
मैंने कहा, 'तू कौन है?'
उसने कहा, 'आवारगी' ... ||२||
इक तू कि सदियों से मेरे
हमराह भी, हमराज भी
इक मैं कि तेरे नाम से
लायाश ना, आवारगी ... ||३||
ये दर्द की तन्हाईयाँ
ये दश्त का वीरां सफर
हम लोग तो उकता गए
अपनी सुना, आवारगी ... ||४||
लोगों भला ऊस शहर में
कैसे जियेंगे हम
जहाँ, हो जुर्म तन्हा सोचना
लेकिन सजा, आवारगी ... ||५||
इक अजनबी झौंके ने जब
पूछा मेरे ग़म का सबब
सेहरा की भीगी रेत पर
मैंने लिखा, आवारगी ... ||६||
कल रात तन्हा चाँद को
देखा था मैंने ख़्वाब में
मुहसीन मुझे रास आयेगी
शायद सदा, आवारगी ... ||७||
ये दिल ये पागल दिल मेरा
क्यों बूझ गया? आवारगी ...
इस दश्त में इक शहर था
वो क्या हुआ? आवारगी ... ||
*** ***
स्वर : गुलाम अली
*** ***
*** ***
ye dil ye pagal dil mera
क्यों बूझ गया? आवारगी ...
इस दश्त में इक शहर था
वो क्या हुआ? आवारगी ... ||१||
कल शब मुझे बेशक्ल की
आवाज ने चौंका दिया
मैंने कहा, 'तू कौन है?'
उसने कहा, 'आवारगी' ... ||२||
इक तू कि सदियों से मेरे
हमराह भी, हमराज भी
इक मैं कि तेरे नाम से
लायाश ना, आवारगी ... ||३||
ये दर्द की तन्हाईयाँ
ये दश्त का वीरां सफर
हम लोग तो उकता गए
अपनी सुना, आवारगी ... ||४||
लोगों भला ऊस शहर में
कैसे जियेंगे हम
जहाँ, हो जुर्म तन्हा सोचना
लेकिन सजा, आवारगी ... ||५||
इक अजनबी झौंके ने जब
पूछा मेरे ग़म का सबब
सेहरा की भीगी रेत पर
मैंने लिखा, आवारगी ... ||६||
कल रात तन्हा चाँद को
देखा था मैंने ख़्वाब में
मुहसीन मुझे रास आयेगी
शायद सदा, आवारगी ... ||७||
ये दिल ये पागल दिल मेरा
क्यों बूझ गया? आवारगी ...
इस दश्त में इक शहर था
वो क्या हुआ? आवारगी ... ||
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स्वर : गुलाम अली
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ye dil ye pagal dil mera
Meaning of दश्त - Desert
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