जिंदगानी के सफर में
तू अकेला ही नहीं है
हम भी तेरे हमसफ़र हैं
आए गए मंजिलों के निशाँ
लहरा के झूमा झूका आसमाँ
लेकिन रुकेगा न ये कारवां
नैनो से नैना जो मिला के देखे
मौसम के साथ मुस्कूरा के देखे
दुनिया उसी की है जो आगे देखे
दुनिया के साथ जो बदलता जाए
जो इसके सांचे में जो ढलता जाए
दुनिया उसी की है जो चलता जाए
मुड़ मुड़ के ना देख मुड़ मुड़ के...
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गीत : शैलेन्द्र
संगीत : शंकर - जयकिशन
स्वर : आशा भोसले, मन्ना डे
चित्रपट : श्री ४२० (१९५५)
BHONSLE, MANNA DE, RAJ KAPOOR , NARGIS , NADIRA , LALITA PAWAR , IFTEKHAR
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:D
ReplyDeletewhy shd i laugh @ u! ofcourse at the song! what a musik..choregraphy, costumes and arrangements! :)i was jus wondering how you dated back so much back in past :)
ReplyDeleteIt's an old habit of mine!:D
ReplyDeleteAnd then the old cinema music has a charismatic effect on most music lovers. I am a fortunate victim!