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Ghulam Ali गुलाम अली (Film: Nikaah निकाह)
Lyrics:
चुपके चुपके रात दिन आंसु बहाना याद हैं, (2)
हम को अब तक आशिकी का वो जमाना हैं|
तुझ से मिलते ही वो कुछ बेबाक हो जाना मेरा, (2)
और तेरा दांतो तले उंगली दबाना याद हैं|
चोरी चोरी हम से तुम आकर मिले थे जिस जगह, (2)
मुद्दते गुजरी पर अब तक वो ठिकाना याद हैं|
खेंच ले ना वो मेरा पर्दे का कोना दफ्फतन, (2)
और दुपट्टे से तेरा वो मूंह छुपाना याद हैं|
दो पहर की धूप में मेरे बुलाने के लिये, (2)
वो तेरा कोठे पे नंगे पांव आना याद हैं|
- हसरत मोहानी
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